जिंदगी की रात
कुछ रात के साए मुझे ,इस कदर भाने लगे।
मेरी बंद आंखों में भी तुम नजर आने लगे।।
मैने तोड़ा अपना भ्रम,बस यही सोचकर ,के जिंदा है हम तेरी बात में।
मगर तेरी बातों से भी हम दूर.... जाने लगे।।
काश कोई छोटा सा रास्ता होता ,तो हम वापस आ जाते ।
मगा अब कब्र के अंधेरे में ही मजे आने लगे ।।
"शिवम"
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